समाज को नई दिशा देने वाले विचारक थे पं. दीनदयाल उपाध्याय- कुलपति

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पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर कुलपति समेत शिक्षकों और छात्रों ने किया नमन

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मंगलवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह समेत विश्वविद्यालय के अधिकारियों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों और उनके एकात्म मानववाद के सिद्धांत को याद किया।
कार्यक्रम में कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा  "पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय राजनीति और समाज को एक नई दिशा देने वाले महान विचारक थे। उन्होंने अंत्योदय के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने का संकल्प लिया था। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और हमें उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्र के उत्थान में योगदान देना चाहिए।"
शोधपीठ के संयोजक एवं अध्यक्ष प्रो. मानस पाण्डेय ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का एकात्म मानववाद केवल एक विचार नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज के सर्वांगीण विकास का व्यापक दर्शन है। उनके विचार हमें समाज में समरसता एवं राष्ट्रवाद को सशक्त करने की प्रेरणा देते हैं।
कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा, "आज के दौर में हमें दीनदयाल जी के सिद्धांतों को अपनाकर देश के समग्र विकास की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। उनका दर्शन न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।"
परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा, "दीनदयाल उपाध्याय का दर्शन हमें आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कार्य करने की प्रेरणा देता है। हमें शिक्षा और शोध के क्षेत्र में उनके विचारों को आत्मसात कर आगे बढ़ना चाहिए।" कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनुराग मिश्र ने किया।
इस अवसर पर प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. प्रदीप कुमार, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. राजन तिवारी समेत विभिन्न विभागों के शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।

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