नारायणी साहित्य अकादमी के आयोजन मे दो हिन्दी काव्य संग्रहो का विमोचन

Jan vichar pravah
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गाजियाबाद। गत दिनो गाजियाबाद इंदिरापुरम के ईक्जोटिका इस्ट स्क्वायर सोसायटी में असम के कवि राम प्रसाद दुबे " राम " के दो हिन्दी काव्य संग्रहों का विमोचन किया गया । उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जन्मे और भारत के सुदूर पूर्वोत्तर के असम में जीवन के छ दशक बिताने वाले राम प्रसाद दुबे ' राम ' की कविताओं में उत्तर प्रदेश की आर्य और असम की मंगोल दोनों संस्कृतियों की सुगंध मिलती है । पहली पुस्तक " आहुति " के नाम से सर्वभाषा ट्रस्ट से और दूसरी " काव्य प्रसून" के नाम से आकांक्षा पब्लिकेशन से प्रकाशित हुई है । इस अवसर पर डा. नामवर सिंह जी द्वारा स्थापित संस्था " नारायणी साहित्य अकादमी " द्वारा कवि राम जी को सम्मानित किया गया और एक भव्य साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कवि राम ने कहा कि अपने मन में उमड़ घुमड़ रहे भावों को लिपिबद्ध कर लेना ही साहित्य नहीं है । साहित्य वह है जो सुरसरि गंगा की तरह सबका हित करता हो । जिस लेखन में सबके हित का भाव समाहित न हो , वह मात्र कूड़ा-करकट होता है । इस अवसर पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय में राजभाषा विभाग में उप निदेशक रघुवीर शर्मा , प्रसिद्ध समालोचक डा. हरे राम पाठक , नारायणी साहित्य अकादमी की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती पुष्पा सिंह बिसेन एवम् अन्य पदाधिकारियों सहित हिंदी साहित्य जगत के अनेक विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित थे । सबने अपनी अपनी रचनाओं से माहौल काव्यमय बना दिया । मंच संचालन अधिवक्ता माही मुंतजिर एवं प्रदीप मिश्र ' अजनबी ' ने किया।

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