ड्रोन के इस्तेमाल के लिए कौशल जरूरी – प्रो. वंदना सिंह

Jan vichar pravah
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वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में ड्रोन जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

 

जौनपुर । फोर इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रोन टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च , गुरुग्राम, हरियाणा द्वारा संस्थान-उद्योग इंटरफेस के तहत वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में ड्रोन जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । यह कार्यक्रम केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के सहयोग से संपन्न हुआ ।

उद्घाटन एवं अभिमुखीकरण सत्र में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि आज तकनीकी के इस युग में ड्रोन का उपयोग बढ़ता जा रहा है. इसके बेहतर इस्तेमाल के लिए नए  कौशल की आवश्यकता है. इसमें रोजगार के अवसर भी बढे है ।

प्रथम सत्र का प्रशिक्षण  विजय तांबे द्वारा प्रदान किया गया। उन्होंने ड्रोन टेक्नोलॉजी की बढ़ती मांग, इसके अनुप्रयोगों तथा उद्योग जगत में इसके बढ़ते प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में  विद्यार्थियों को ड्रोन संचालन, निर्माण, मेंटेनेंस, एविएशन नियमों तथा औद्योगिक उपयोग से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी । प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को थ्योरी के साथ-साथ प्रायोगिक सत्रों में भी भाग लेने का अवसर मिला । उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी आज विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, रक्षा, आपदा प्रबंधन, सर्वेक्षण, लॉजिस्टिक्स, और सिनेमैटोग्राफी में तेजी से अपनी जगह बना रही है। इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को इन संभावनाओं से अवगत कराते हुए करियर के नए आयाम खोलने का प्रयास किया जा रहा है ।

कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उद्देश्यों पर केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो.  अविनाश डी. पाथर्डिकर ने प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नितेश जायसवाल ने किया.

कार्यक्रम में  प्रो. मानस पांडे, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. सौरभ पाल, डॉ आलोक दास , श्याम त्रिपाठी एवं मुख्य छात्र सदस्य आदित्य पांडेय, दिव्यांशु संजय, रुद्रांश चतुर्वेदी, शिवांश श्रीवास्तव, हरी ओम साहू, आर्यन पाण्डेय, आयुष गुप्ता समेत कई छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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