जौनपुर । 6 से 7 साल के बच्चों की QFAT एंटीजन किट से जांच कर उनमें माइक्रो फाइलेरिया धनात्मक/संक्रमण का स्तर देखा जाएगा।
13 मई 2025 से जनपद जौनपुर के 12 इवैल्यूएशन यूनिट EU (500000 आबादी पर एक EU) में फाइलेरिया ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम द्वारा चिन्हित ब्लॉक के चिन्हित ग्रामों में भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई QFAT एंटीजन टेस्ट किट द्वारा 6 से 7 साल के बच्चों का ब्लड सैंपल लेकर जांच की जाएगी और बच्चों में माइक्रो फाइलेरिया के संक्रमण का पता लगाया जाएगा।यह टेस्ट पूरी तरहां से सुरक्षित है। आशा, आंगनवाड़ी एवं टीमों द्वारा संपर्क किए जाने पर अपने बच्चों की जांच अवश्य कराएं।
इस कार्यक्रम के तहत सभी इवैल्यूएशन यूनिट के 45 टीमों द्वारा सैंपल सर्वे बिल्डर सॉफ्टवेयर द्वारा चिन्हित कुल 444 ग्रामों में 18550 बच्चों की जांच की जाएगी, यदि किसी EU में 18 से ज्यादा बच्चों का रिजल्ट धनात्मक पाया जाता है तो वह EU TAS में फेल माना जाएगा और वह एम डी ए अभियान में जाएगा और जिस EU में धनात्मक 18 से कम आएगा वह TAS में पास होकर पोस्ट वैलिडेशन के लिए जाएगा।
इस कार्यक्रम में जो टीम लगाई गई हैं उनमें एल टी/ एल ए, बी एच डब्ल्यू, एच एस, स्टॉफ नर्स, आशा, आंगनवाड़ी और डॉक्टर की ड्यूटी लगी है।
फाइलेरिया जिसे हाथी पांव भी कहते हैं मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलने वाला एक संक्रामक रोग है इसका परजीवी वाउचेरिया बैंकराफ्टी होता है जिसके कारण मरीज के लिम्फेटिक चैनल दुष्प्रभावित होता है और हाथ, पैर, स्तन, अंडकोष में सूजन हो जाती है यह लक्षण आने में 5 से 15 साल लग सकते हैं। फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में एक डी ई सी, एलबेंडाजोल की एक खुराक खाएं, मच्छरों से अपना बचाव करें, फाइलेरिया का कोई भी लक्षण दिखे तो तत्काल स्वास्थ्य केंद्र या जिला मलेरिया /फाइलेरिया ऑफिस में संपर्क कर समय रहते अपनी जांच इलाज कराएं। जिला मलेरिया कार्यालय जौनपुर में प्रत्येक सोमवार को 8 बजे से फाइलेरिया का निःशुल्क जांच कैंप आयोजित किया जाता है जिसमें सपरिवार अपनी जांच करा सकते हैं।