शक्तिशाली भारत के निर्माण पर सेमिनार का आयोजन

Jan vichar pravah
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वकील का योगदान पूरी दुनिया मे 
शरद कुमार जायसवाल  मन्त्री



जौनपुर ।ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन, जौनपुर जिला कमेटी द्वारा हिंदी भवन, जौनपुर में "शक्तिशाली भारत के निर्माण में सामाजिक और आर्थिक न्याय की भूमिका" विषय पर एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कामरेड बादल सरोज, संयुक्त मंत्री, अखिल भारतीय किसान सभा, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने सामाजिक समानता, आर्थिक न्याय, गैर-बराबरी, भेदभाव और साम्प्रदायिकता के उन्मूलन पर विचार प्रस्तुत किए। वक्ताओं ने जोर दिया कि केवल सामाजिक और आर्थिक न्याय की स्थापना से ही एक सशक्त राष्ट्र की नींव रखी जा सकती है।

एडवोकेट शरद  जायसवाल  मंत्री, ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन, जौनपुर ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि वकीलों का बहुत बड़ा योगदान है, न केवल हिंदुस्तान में, बल्कि पूरी दुनिया में। अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन भी एक अधिवक्ता थे और भारत में महात्मा गांधी भी एक अधिवक्ता थे। शरद जी ने कहा कि वकीलों का संबंध गरीबों और निचले तबके से होता है, जबकि उनकी पढ़ाई-लिखाई सबसे उच्च कोटि की होती है।

शरद जी ने यह भी कहा कि व्यक्ति पूजा बंद होनी चाहिए। यदि व्यक्ति पूजा खत्म नहीं हुई तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास आंकड़ों और तथ्यों पर आधारित होना चाहिए तथा प्रामाणिक होना चाहिए, जबकि आजकल इतिहास गढ़ा जा रहा है और उनके लिए इतिहास बनाया जा रहा है जिनका कोई इतिहास है ही नहीं।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश की आजादी के आंदोलन में चंद्रशेखर आज़ाद, सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, रामप्रसाद बिस्मिल जैसे वीर क्रांतिकारियों ने देश को आज़ाद करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनके साथ ही अशफ़ाकउल्ला खान, अब्दुल हमीद ने भी देश की आज़ादी के लिए बलिदान दिया।
इसके साथ ही, बेगम हजरत महल, डॉ. जाकिर हुसैन, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जैसे कई महापुरुषों ने भी स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई। इसलिए जाति, धर्म, संप्रदाय और भाषा के आधार पर देश का विभाजन नहीं होना चाहिए। हमें एकता, भाईचारे और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना चाहिए ताकि हमारा देश और अधिक सशक्त बन सके।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता और प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने एकमत होकर कहा कि सामाजिक न्याय, भाईचारे और समानता की भावना को बढ़ावा देना देश के विकास के लिए अनिवार्य है।

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