जीवन में महारथी नहीं, बल्कि सारथी बनने का प्रयास करें डा. अजयेन्द्र

Jan vichar pravah
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 जलालपुर  जौनपुर। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं सम्पादक साप्ताहिक विकास, संस्थापक कुटीर संस्थान अभयजीत दुबे की 27वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि समागम कार्यक्रम हुआ जहां मुख्य वक्ता प्रो. जे पी एन मिश्र पूर्व डीन गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय गुजरात ने संस्थापक जी के कार्यों को रेखांकित करते हुये कहा कि बड़े लोग कोई बड़ा काम नहीं करते हैं। बस उसी कार्यों को अलग ढंग से करते हैं। गीता दर्शन का भाव बोध कराते हुये उन्होंने बताया कि सफलता संसाधनों का मोहताज नहीं होता हैं। वक्ताओं के क्रम में प्रो. सुरेश पाठक प्राचार्य पीजी कालेज मड़ियाहूं ने बताया कि यह संस्थान चरैवेति चरैवेति  के मूल मंत्र को सम्पादित कर रहा है। साथ ही उन्होंने यहां के प्रबन्धक को धन्यवाद दिया। प्रो. अरुण सिंह प्राचार्य राजा हरपाल सिंह पीजी कालेज सिंगरामऊ ने कहा कि यह संस्थान उस समय कैसा रहा होगा जब पूरा समाज साधनविहीन था। टीम वर्क की भावना सबको मजबूत बना देती है।
संस्थान के प्रबन्धक डा. अजयेन्द्र दुबे ने कहा कि जीवन में महारथी नहीं, बल्कि सारथी बनने का प्रयास कीजिये। सफलता और असफलता पर ध्यान मत दीजिए। इस मौके पर जुटे अतिथियों को शिक्षकों ने अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देते हुये माल्यार्पण करके सम्मानित किया। साथ ही कुटीर संस्थान के तीनों इकाइयों में सर्वोत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले छात्र—छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं मेडल देकर अतिथियों ने सम्मानित किया।
संस्थान परिसर में छात्राओं द्वारा सुंदर अल्पना बनायी गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ कृष्णदेव चौबे पूर्व प्राचार्य संस्थाध्यक्ष प्रबंध समिति ने किया। प्राचार्य प्रो. राघवेन्द्र पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत अपने उद्बोधन से किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य डा. राहुल अवस्थी, प्राचार्य डॉ राकेश मिश्र, श्रीभूषण मिश्र, शिवानन्द शुक्ल, भारत सिंह, समर बहादुर सिंह, मनोज चौबे, जयनाथ यादव, हरिनाथ राम, शोभनाथ समेत तमाम छात्र—छात्राओं, प्राध्यापकों, कर्मचारियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन डा. अनुज शुक्ल व आभार ज्ञापन श्रवण मिश्र ने किया।

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